हिरणी री आंख (कहानी)

हिरणी री आंख
मूल : मोहन भण्‍डारी (पंजाबी-मून दी अंख)
अनुवाद : मनोहरसिंह राठौड़
प्रथम संस्‍करण : 2002
पृष्‍ठ : 108
मूल्‍य : 50
ISBN : 81-260-1170-9